संचयन >> रहीम रचनावली रहीम रचनावलीसत्यप्रकाश मिश्रा
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इस संग्रह की भूमिका और मूल पाठ से रहीम के साथ ही साथ मध्ययुगीन काव्य की मानसिक बुनावट और काव्य संदर्भ को समझने में मदद मिलेगी
डी. सत्यप्रकाश मिश्र द्वारा संपादित इस रचनावली में रहीम के नाम से प्रचलित सभी रचनाओं का समावेश किया गया है। पाठ को प्रामाणिक बनाने के प्रयत्न के साथ ही साथ सम्पादक ने अपनी विस्तृत भूमिका में रहीम के विषय में प्रामाणिक सामग्री दी है। रहीम की भूमिका को निर्धारित करते हुए पुस्तक में रहीम द्वारा प्रयुक्त नई शैलियां और काव्य प्रयोगों को रेखांकित करके सम्पादक ने उस युग के काव्य मिजाज को समझाने का महत्त्वपूर्ण प्रयत्न किया है। रहीम के स्वनिर्मित स्वाभिमानी .व्यक्तित्व और उनकी त्रासदी को समझे बगैर उनकी कविताओं को समझना कठिन है-यह इस अन्य को पढ़ने से और अधिक उजागर होगा। इस संग्रह की भूमिका और मूल पाठ से रहीम के साथ ही साथ मध्ययुगीन काव्य की मानसिक बुनावट और काव्य संदर्भ को समझने में मदद मिलेगी-यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है।
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